कीर्ति स्तम्भ

• यह चित्तौड़गढ़ में स्थित है। इसको जैन स्तम्भ या मेरु कनक प्रभः भी कहा जाता है। • यह भगवान आदिनाथ/ऋषभदेव को समर्पित है। • कीर्ति स्तम्भ का निर्माण 12वीं सदी में बघेरवाल महाजन सानाय का कीर्ति स्तम्भ में जैन दिगंबर संप्रदाय की जातक नक्काशी के लिए प्रि इसमें आदित्यनाथ की मूर्ति बनी हुई है। • इसकी ऊंचाई 75 फीट है तथा यह 7 मंजिला इमारत है।

विजय स्तम्भ

यह चित्तौड़गढ़ दुर्ग में स्थित है। • विजय स्तम्भ की आकृति डमरू के समान है। • विजय स्तम्भ का 9 मंजिला होना नवनिधि का प्रतीक है। • निर्माण - इसका निर्माण महाराणा कुम्भा ने करवाया 1440-48 में करवाया था। - यह 122 फिट ऊंची 9 मंजिला इमारत है। • विजय स्तम्भ का निर्माण महाराणा कुम्भा ने सारंगपुर (मालवा) युद्ध के विजय के उपलक्ष्य में करवाया था। • इसमें 157 सीढियां है तथा इसके आधार की चौड़ाई 30 फूट है। • विजय स्तम्भ की आठवी मंजिल पर कोई मूर्ति स्थित नहीं है।

निहाल टावर/शाही घण्टाघर

• यह धौलपुर में स्थित है। • निहाल टावर सात धातुओं से बना हुआ है तथा यह भारत का सबसे बड़ा घंटाघर है। • यह टावर इंडो मुस्लिम शैली का उत्कृष्ट नमूना है। • इस पर छठी मंजिल की चारों दिशाओं में घड़ी लगी हुई है। • सन 1880 में तत्कालीन धौलपुर के नरेश महाराजा निहाल सिंह ने इस इमारत की नींव रखी थी। तथा जिसको 1910 में तत्कालीन महाराज रायसिंह ने पूरा करवाया था। • इसकी ऊंचाई 150 फीट है।

ईसर लाट

• यह जयपुर में स्थित है। • यह इमारत 1748 ई. में मराठों के साथ राजमहल युद्ध के बाद बनाया गया था। • इस इमारत का निर्माण सवाई ईश्वरी सिंह ने 1749 ई. में करवाया था। • इसको सरगासुली भी कहा जाता है।

महाराणा प्रताप विजय स्मारक

यह दिवेर, राजसमंद में स्थित है। • इस स्मारक का उद्घटन 2012 में हुआ था। • 1582 में महाराणा प्रताप ने दिवेर चौकी को जीता था जहां पर आज स्मारक बना हुआ है।

जुबली क्लॉक टावर

• यह अजमेर में स्थित है। • इस टावर का निर्माण 1887 में महारानी विक्टोरिया की स्वर्ण जयंती की स्मृति में अजमेर के रेलवे स्टेशन के सामने करवाया गया गया था।

जंतर - मंतर

• 2010 में जयपुर जंतर मंतर को यूनेस्को की विश्व धरोहर की सूची में शामिल किया गया था। • सवाई जयसिंह ने ज्योतिष अध्ययन व नक्षत्रों की जानकारी प्राप्त करने के लिए भारत में जयपुर, मथुरा, दिल्ली, बनारस, उज्जैन में पांच वैद्यशालाओं का निर्माण करवाया था। - इसमें से सबसे प्राचीन वैद्यशाला दिल्ली में स्थित है, जिसका निर्माण 1724 ई. में करवाया गया था। • दूसरी वैद्यशाला जयपुर में स्थित है. जिसका निर्माण 1728 ई. में करवाया गया था। तथा यह वैद्यशाल पांच वैद्यशालाओं में सबसे बड़ी वैद्यशाल है।

गडरा का शाहिद स्मारक

• यह बाड़मेर में स्थित है। • यह 1965 में भारत पाक युद्ध में शाहिद हुए रेल कर्मचारियों की स्मृति में बनवाया गया था।

अमर जवान ज्योति स्मारक

• यह जयपुर के एस.एम.एस स्टेडियम में स्थित है।

धर्म स्तूप

• यह चुरू में स्थित है। • इस घण्टाघर का निर्माण लाल पत्थरों से करवाया गया है जिसके कारण से इसको लाल घण्टाघर भी कहा जाता है। • इसमें भगवान कृष्ण शंकराचार्य, गुरुनानक, महावीर स्वामी, जगदम्बा, गौतम बुद्ध की मूर्तियां लगी होने के कारण इसे सर्वधर्म सद्भाव का स्तूप भी कहा जाता है। • 1930 में यहा पर सर्वप्रथम तिरंगा फहराया गया था। • इसकी स्थापना 1925 में स्वामी गोपालदास के द्वारा की गई थी।

वेली टावर घण्टाघर

• यह कोटा में स्थित है। • इस घण्टाघर को पॉलिटिकल एजेंट वेली की देख रेख में 1889-1940 ई. के मध्य महाराव उम्मेद सिंह द्वितीय ने करवाया था।

घण्टाघर 

यह घण्टाघर चौराहे पर बनया गया है जिसमें चारों ओर घड़ियां लगी हुई है।