इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि यह भगवान शिव को समर्पित यह एक ऐसा मंदिर है, जहां पर स्वयं प्रकृति ही भगवान शिव का अभिषेक करती है. इस मंदिर की स्थापना भीलों के गुरु शैव मतावलंबी ने करवाई थी. यह मंदिर रावतभाटा रोड पर चंबल नदी के निकट स्थित है|
अभेद महल की निर्माण उम्मेद महाराज द्वारा किया गया था। जहाँ महल के अंदर स्थित संग्रहालय में राजपूतो के लघु चित्रों, अद्भुत मूर्तियों, भित्तिचित्रों और शस्त्रागार का शानदार संग्रह देखा जा सकता है, और साथ ही संग्रहालय में कोटा के शासकों द्वारा उपयोग किए गए कलात्मक उपकरणों का एक समृद्ध भंडार भी है।
एक पर्यटक स्थल और पिकनिक स्पॉट के रूप में लोकप्रिय बना हुआ है। चंबल उद्यान हरे-भरे बगीचे से सुशोभित हैं जो पर्यटकों को प्रकृति के बहुत करीब होने का एक विचित्र एहसास कराता हैं। चंबल गार्डन को हरी-भरी झाड़िया, लम्बे-लम्बे पेड़ पौधे, रंगीन और सुगंधित फूलों की खुशबू के साथ बनाया गया हैं।
जगमंदिर पैलेस में किशोर सागर की झील का पानी, महल की उत्तम दीवारें और गुंबदों के प्रतिबिंब पर्यटकों के लिए अत्यंत ही मनमोहनीय बने हुए हैं, इसके अलावा जगमंदिर पैलेस में प्रकृति प्रेमियों के लिए तस्वीरें निकालना भी लोकप्रिय बना हुआ हैं। जगमंदिर पैलेस पर्यटकों के घूमने के लिए कोटा के लोकप्रिय दर्शनीय स्थलों में से एक है
कोटा का सिटी पैलेस मध्ययुगीन वेशभूषा, हथियारों के अलावा प्राचीन काल के दौरान राजा और रानियों की कलाकृतियों और हस्तशिल्पों के विशाल संग्रह को प्रदर्शित करता हुआ एक संग्रहालय है जो आज से कई साल पहले की सांस्कृतिक विरासत को दर्शाता है।
कोटा बैराज चंबल घाटी बांध परियोजना का निर्माण है जो यहां बहने वाली चंबल नदी पर बनाया गया हैं। कोटा बैराज परियोजना राणा प्रताप सागर बांध, जवाहर सागर बांध और गांधी सागर बांध इन तीनो बांधो के पानी को संग्रहीत के करने के उदेश्य से बनायीं गयी था।