यह राजस्थान की सबसे बड़ी झील है। इसका अपवाह क्षेत्र 500 वर्ग किलोमीटर में फैला है। यह झील दक्षिण-पूर्व से उत्तर-पश्चिम की ओर लगभग 32 किलोमीटर लंबी तथा 3 से 12 किलोमीटर तक चौड़ी है। ग्रीष्मकाल में वाष्पीकरण की तीव्र दर से होने के कारण इसका आकार बहुत कम रह जाता है। इस झील में प्रतिवर्ग किलोमीटर 60000 टन नमक होने का अनुमान है। इसका क्षेत्रफल 145 वर्ग किलोमीटर है। इसके पानी से नमक बनाया जाता है।

साँभर झील

यह खारी झील नागौर जिले के डीड़वाना नगर के समीप स्थित है। यह 4 किलोमीटर लंबी है तथा इससे भी नमक तैयार किया जाता है। डीड़वाना नगर से 8 किलोमीटर दूर पर सोड़ियम सल्फेट का यंत्र लगाया गया है। इस झील में उत्पादित नमक का प्रयोग बीकानेर तथा जोधपुर जिलों में किया जाता है।

डीड़वाना झील

बाड़मेर जिले में पंचभद्रा नगर के निकट यह झील स्थित है। यह लगभग 25 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र पर स्थित है। यह झील वर्षा के जलपर निर्भर नही है बल्कि नियतवाही जल श्रोतों से इसे पर्याप्त खारा जल मिलता रहता है। इसी जल से नमक तैयार किया जाता है जिसमें 98 प्रतिशत तक सोड़ियम क्लोराइड़ की मात्रा है।

पंचभद्रा झील

यह बीकानेर जिले के उत्तर-पूर्व में लगभग 80 किलोमीटर दूर स्थित है। इसके पानी में लवणीयता की कमी है अत: बहुत थोड़ी मात्रा में नमक बनाया जाता है। यह झील 6 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैली है।

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