बिरला मंदिर इस मंदिर की रचना 1988 में हुई थी इस मंदिर के निर्माण हेतु माहराजा ने बिरला परिवार को 1 रुपए के टोकन में ये ज़मीन दी थी. इस मंदिर को लक्ष्मी नारायण टेम्पल भी कहा जाता है और यह मंदिर पूरा का पूरा वाइट मार्बल से बना हुवा है।
इस महल का इस्तमाल राजा अपनी के साथ खास वक़्त बिताने के लिए किया करते थे. इसलिए इस महल को ” रोमेंटिक महल ” भी कहा जाता है। पांच माजिला इस महल की तो चार मंजिला पानी में ही डूबी रहती हे. ऊपर केवल एक ही मंजिल नज़र आती है। चांदनी रात को यह महल अत्यधिक सुंदर नज़र आता है। हर साल मकर सक्रांति को यहां पर इंटरनेशनल काइट फेस्टिवल मनाया जाता हे।
जयपुर में स्थित इस महल की रचना 1877 में हुई थी. यह म्यूजियम अपनी पुरानी इतिहासिक चीजों के संग्रह के लिया बहुत प्रसिद्ध है। पर इन में सबसे प्रसिद्ध 2300 साल पुरानी इजिप्ट की मम्मी ,यह मम्मी “तूतू”नामक महिला की है। जिसे कायरो म्यूजियम सन् 1887 में डोनेट की गई थी। जिसको इस म्यूजियम लाये गए 130 साल से ज्यादा हो गए है।
यह किला जयपुर की सिक्योरिटी के लिए बना हुवा इस किले का निर्माण .राजा सवाई जय सिंह ने करवाया था यह किला कभी आमेर का कैपिटल हुवा करता था। और इस महल पर कभी भी कोई हमला नहीं हुवा था .यह Jaipur Beautiful Places में सबसे सुंदर किला हे यहां आपको अपनी पत्नी या गर्लफ्रेंड के साथ जाना चाहिए।
जिसका निर्माण सन् 1726 में जय सिंह द्वितीय ने करवाया था .इस सुंदर किले की ख़ास बात यह है की यहां पर दुनिया की सबसे बड़ी बड़े बड़े पाइयों वाली तोब मोहजूद हे और इस किले का निर्माण संरक्षण के तोर पर कर वाया हे।
इसका निर्माण राजा मीरभोज ने करवाया था जिसको चाँद के नाम से भी जाना जाता है। 13 मंज़िला यह बावड़ी 100 फुट से भी ज़्यादा अधिक गहरी है। और इस बावड़ी में 35 सौ सीढ़ियाँ मौजूद है ,और इस चाँद बावड़ी में एक सुरंग भी मौजूद है जिसकी कुल लंबाई 17 किलोमीटर है .जो आगे जाके बंदरिया गाँव में निकलती है चाँद बावड़ी की सबसे निचली मंज़िल पर महिषासुर मंत्रीनी और गणेश जी की मूर्तियां भी है।
यह किला यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज साइड में भी शामिल है यहाँ पर शीश महल है जिसमें सूर्य का पहला किरण गिरने के साथ ही पूरा होल प्रकाशित हो उठता है कि इस क़िले का नामकरण अम्बा माता के नाम पर हुआ था जो मिनाओ की देवी थी .और यहाँ पर एक ख़ूबसूरत , चमत्कारिक फूल भी है जो पूरा मार्बल से बना हुआ है
सिटी पैलेस का निर्माण महाराजा सवाई जय सिंह द्वितीय ने करवाया था। सिटी पैलेस जयपुर से 11 किलोमीटर की दुरी पर स्थित हे। City पैलेस को 7 अलग अलग भागो में विभाजित किया गया था . जिसमे पहला हे बागी खाना ,बागी खाना में अलग अलग प्रकार की बगिया राखी हुई हे। जिसमे सबसे ख़ास विक्टोरिया बागी हे जो प्रिंस ऑफ़ फेलस ने महाराजा को तोफे के तोर पे दी थी।