प्रथम चरण – मतस्य संघ 17/18 मार्च, 1948

मतस्य संघ- 4 रियासते+1 ठिकाना अलवर, भरतपुर, धौलपुर, करौली + नीमराणा(अलवर)ठिकाना सिफारिश- के. एम. मुन्शी की सिफारिश पर प्रथम चरण का नाम मतस्य संघ रखा गया। राजधानी- अलवर राजप्रमुख- उदयमान सिंग(धौलपुर) उपराज प्रमुख- गणेशपाल देव प्रधानमंत्री- शोभाराम कुमावत उपप्रधानमंत्री- गोपीलाल यादव + जुगल किशोर चतुर्वेदी

दुसरा चरण- पूर्व राजस्थान 25 मार्च 1948

पूर्व राजस्थान- 9 रियासतें + 1 ठिकाना डुंगरपुर, बांसवाडा, प्रतापगढ़, शाहपुरा, किशनगढ़, टोंक, बुंदी, कोटा, झालावाड़ + कुशलगढ़(बांसवाड़ा)ठिकाना। राजधानी- कोटा राजप्रमुख- भीमसिंह(कोटा) उपराज प्रमुख- महारावल लक्ष्मणसिंग प्रधानमंत्री- गोकुल लाल असावा(शाहपुरा) उद्घाटन कत्र्ता- एन. वी. गाॅडविल

तीसरा चरण- संयुक्त राजस्थान 18 अप्रैल, 1948

संयुक्त राजस्थान- पूर्व राजस्थान + उदयपुर -10 रियासतें + 1 ठिकाना राजधानी- उदयपुर राजप्रमुख- भोपालसिंग(उदयपुर) भोपालसिंग एकमात्र राजा एकीकरण के समय अपाहिज व्यक्ति था। उपराजप्रमुख- भीमसिंह प्रधानमंत्री- माणिक्यलाल वर्मा पं. जवाहरलाल नेहरू की सिफारिश पर बनाया। उद्घाटन कर्ता- पं. जवाहरलाल नेहरू

चैथा चरण- वृहद राजस्थान 30 मार्च, 1949

वृहद राजस्थान- संयुक्त राजस्थान + जयपुर + जोधपुर + जैसलमेर + बीकानेर + लावा ठिकाना – 14 रियासत + 2 ठिकाने राजधानी- जयपुर श्री पी. सत्यनारायण राव समिती की सिफारिश पर। महाराज प्रमुख- भोपाल सिंह राजप्रमुख- मान सिंह द्वितीय(जयपुर) उपराजप्रमुख- भीमसिंग प्रधानमंत्री- हीरालाल शास्त्री

छठा चरण- राजस्थान संघ 26 जनवरी, 1950

राजस्थान संघ- वृहतर राजस्थान + सिरोेही – आबु दिलवाड़ा राजधानी- जयपुर महाराज प्रमुख- भोपाल सिंह राजप्रमुख- मानसिंह द्वितीय प्रधानमंत्री/मुख्यमंत्री- हीरालाल शास्त्री 26 जनवरी,1950 को राजपुताना का नाम बदलकर राजस्थान रख दिया। 26 जनवरी, 1950 को राजस्थान को ‘B’ या ‘ख’ श्रेणी का राज्य बनाया गया।

सतंवा चरण- वर्तमान राजस्थान 1 नवम्बर, 1956

वर्तमान राजस्थान- राजस्थान संघ + आबु दिलवाड़ा + अजमेर मेरवाड़ा + सुनेल टपा – सिरोज क्षेत्र मध्यप्रदेश के मंदसौर जिले की मानपुर तहसील का सुनेल टपा राजस्थान के कोटा जिले में मिला दिया तथा झालावाड़ का सिरोज क्षेत्र मध्यप्रदेश में मिला दिया गया। सिफारिश- राज्य पुर्नगठन आयोग अध्यक्ष- फैजल अली राज्य पुर्नगठन आयोग का गठन 1952 में किया गया और इसने अपनी रिपोर्ट 1956 में दी इसकी सिफारिश पर अजमेर-मेरवाड़ा आबु दिलवाड़ा तथा सुनेल टपा को राजस्थान में मिला दिया गया।इस आयोग में राजस्थान से एकमात्र सदस्य हद्यनाथ किजरन था। राज्यपाल- गुरूमुख निहाल सिंह मुख्यमंत्री- मोहनलाल सुखाडिया