Saraam Chocolate Brand an intresting story must read
कोरोना काल के वक्त सभी ने अपना वक्त घर में बैठ कर सुरक्षित रुक से निकला लेकिन कुछ लोग ऐसे भी थे जिन्होंने कोरोनल काल में घर बैठ कुछ ऐसा कर दिखाया जो देश भर में चर्चा का विषय बन गया। हा हम बात कर रहे एक 16 साल के लड़के की जिसने अपनी मेहनत और अपने दिमाग से ऐसा कुछ कर दिखाया जो की प्रशंसनीय है। 16 साल का यह लड़का जिसका नाम दिग्विजय सिंह है।
चॉकलेट के इस ज़माने में जहां लोग दुकान और ऑनलाइन चॉकलेट मंगाकर खाते हैं, वहीं दिग्विजय सिंह ने कुछ अनोखा कर दिखाया। उन्होंने कोरोना काल में यूट्यूब से चॉकलेट बनाने की विधि सीखी और चॉकलेट बनाई और अपने परिवार और मित्रों को खिलाई। चॉकलेट स्वाद में काफी स्वादिष्ट बनी।
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किस तरह चॉकलेट बनाना बना ब्रांड
बताया जा रहा है कि दिग्विजय सिंह ने इसकी शुरुआत अपने घर के बेसमेंट में बनाकर की थी। फिर उन्होंने मार्केट में अपनी चॉकलेट की सप्लाई देनी चालू की जिससे उनको मार्केट से अच्छा रिस्पांस मिला। उन्होंने अपनी कंपनी का नाम Saraam Chocolate Brand रखा। दिवाली के समय दिग्विजय के पिताजी ने एक कार खरीदी जिसके साथ उनको एक चॉकलेट का बॉक्स मिला। दिग्विजय ने शोरूम के मालिक से पूछा आपने कितनी कार बेचीं, उन्होंने जवाब देते हुए कहा 60 और उन सब के साथ चॉकलेट का डिब्बा दिया गया था। दिग्विजय को इस से एक अच्छा उपाय मिला और फिर उन्होंने आस पास के होटलों और शोरूम वालों से अपनी चॉकलेट खरीदने के लिए कहा।
2021 में एक कार शोरूम के मालिक ने दिग्विजय को 1000 चॉकलेट्स का आर्डर दिया। यह दिग्विजय का पहला आर्डर था। इसके बाद उनका बिज़नेस बढ़ता गया और उन्होंने लग भाग 1 करोड़ तक की चॉकलेट बेचीं। उन्होंने इसकी बिक्री ऑनलाइन करना भी चालू कर दिया। हर जगह इसकी डिमांड बढ़ने लगी। इसकी सप्लाई अब देश विदेश में होने लगी है। इसके इम्पोर्ट और एक्सपोर्ट भी बढ़ते जा रहे हैं। Saraam Chocolate Brand अब एक जाना-माना नाम बन गया है।
किस से बनाई जाती है येSaraam Chocolate Brand चॉकलेट
इन स्वादिष्ट चॉकलेटों को बनाने के लिए, ऑल इंडिजिनस दिग्विजय अपना कोको देश के दक्षिणी क्षेत्र, अर्थात् केरल और तमिलनाडु से खरीदते हैं। इसके अतिरिक्त, वह उन क्षेत्रों से फल खरीदते हैं जहां उनकी सबसे अधिक खेती की जाती है, जैसे केरल और उदयपुर से कोकम। अनेक प्रकार के फलों से उन्होंने इस चॉकलेट को बनाया जैसे कि जामुन, केसर, और बेर जैसे क्षेत्रीय फलों और मसालों का उपयोग किया।
बीन टू बार चॉकलेट क्या है?
बीन-टू-बार चॉकलेट माइक्रो-बैच चॉकलेट बनाने की लंबी प्रक्रिया का संक्षिप्त रूप है। चॉकलेट निर्माता को चॉकलेट सीधे खेत से मिलती है – छोटी मात्रा में खरीदना, फलियों को पीसने से पहले साफ करना, भूनना, तोड़ना और फोड़ना। बड़े पैमाने पर उत्पादित चॉकलेट बार के विपरीत – कारीगर चॉकलेट को कोको की उचित और पता लगाने योग्य श्रृंखला के साथ हाथों-हाथ प्रक्रिया से बनाया जाता है ताकि आप हमेशा सुनिश्चित रहें कि आप क्या खा रहे हैं।
20 हजार से शुरू किया Saraam Chocolate Brandबिज़नेस
शुरू में इन्होने 20 हजार से अपना बिज़नेस चालू किया। फिर उन्होंने चॉकलेट बीन से चॉकलेट बनाना शुरू किया। बिज़नेस को बढ़ाते हुए उन्होंने 3 प्रकार की चॉकलेट बनाई – डार्क चॉकलेट, मिल्क चॉकलेट और वाइट चॉकलेट। अब हर महीने करीब 10 से 12 लाख रुपए की आय भी इसको इससे हो रही है। इसके साथ अब आसपास की करीब 15 महिलाएं और भी जुड़ी हैं जिन्हें बहुत कम समय में अच्छी इनकम मिल रही है।
दिग्विजय ने बताया कि पिछले साल दिवाली सीजन के मौके पर देश भर में सिक्योर मीटर कंपनी के जरिए चॉकलेट सप्लाई हुई थी। अब इनकी ज्यादा सेल ऑनलाइन माध्यम से हो रही है। इनके चॉकलेट फर्म के नाम से ऑफिसियल वेबसाइट भी बनी है। जिनसे ये इस चॉकलेट की ऑनलाइन बिक्री करते हैं। इनकी वेबसाइट पर जाने के लिए यहाँ क्लिक Saraam करें।
Saraam Chocolate Brand का सफर दिग्विजय की मेहनत और उनकी दूरदर्शिता का परिणाम है। यह ब्रांड अब देश भर में और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी पहचान बना चुका है, जो कि एक सच्ची प्रेरणा की कहानी है।
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