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    हर मनोकामनाएं होगी पूरी: Rajasthan Famous Temple के दर्शन जरूर करे

    हर मनोकामनाएं होगी पूरी: Rajasthan Famous Temple मंदिरो के दर्शन जरूर करे
    भारत देश में धार्मिकता और पूजा-पाठ का बहुत महत्व है। अपनी इसी धार्मिक विविधता के चलते भारतीयों के लिए देवी-देवताओं की पूजा एक महत्वपूर्ण अंग बन गयी है। राजस्थान राज्य भारतीय धर्म और संस्कृति का अद्वितीय केंद्र है और यहां पर्यटकों को धार्मिक स्थलों की अद्वितीय विविधता का आनंद लेने का भी मौका मिलता है। इस ब्लॉग पोस्ट में हम आपको बताएंगे Rajasthan Famous Temple के ऐसे देवी मंदिरों के बारे में जहां आपकी हर मनोकामना होगी पूरी।

    9 Best Must Visit Rajasthan Famous Temple

    बिड़ला मंदिर ( Bidla Mandir Rajasthan Famous Temple )

    यह मंदिर जयपुर शहर में स्थित है यह मंदिर जयपुर के सबसे लोकप्रिय मंदिरों में से एक है. जो देवी लक्ष्मी जी और भगवन विष्णु को समर्पित है। यहाँ की पूजा बहुत मान्यता प्राप्त है। और इसे (लक्ष्मी नारायण मंदिर) के नाम से भी जाना जाता है। यह एक हिंदू मंदिर है यह JLN मार्ग पर हे ,इसका निर्माण सफेद संगमरमर से किया गया है। दूर से श्रद्धालू वह लोगो को आकर्षित करता है। मंदिर के कपाट सुबह 6:०० बजे मंगला आरती के साथ खुल जाते है ,उसके बाद श्रृंगार आरती ,राजभोग आरती होती है।वही शाम को 7:00 बजे संध्या आरती होती है। मंदिर जयपुर के तिलक नगर इलाके में मोती डूंगरी पहाड़ी के पास स्थित है। जयपुर का ये मंदिर देशभर में बने बिड़ला मंदिर में से एक हे, जिसका निर्माण दिसंबर 1985 शुरू हुवा और यह 1988 में बनकर तैयार हो गया।

    करणी माता ( Karni Mata Rajasthan Famous Temple )

    Rajasthan Famous Temple करणी माता का मन्दिर एक सबसे ज्यादा प्रसिद्ध हिन्दू मन्दिर है जो राजस्थान के बीकानेर से 30KM दूर करणी माता के मंदिर की जहाँ 20,000 चूहे रहते है। करणी माता का यह मंदिर विश्वविख्यात है , देश दुनिया के लोग इसे चूहों वाला मंदिर भी कहते है। यहाँ चूहों के झूठे खाने को प्रसाद के रूप में बाटा जाता है। आश्चर्य की बात यह की मंदिर में इते सारे चूहे होने के बाद भी बिलकुल भी बदबू नहीं आती है , करणी माता को दुर्गा का अवतार भी माना जाता है। करणी माता जोधपुर ,बीकानेर की शाही घरानो की कुलदेवी है। 151 साल की उम्र में करणी माता इस जगह से ज्योतिर्लिंन हो गई थी। तब इस मंदिर की स्थापना की गई।

    एकलिंगजी मंदिर ( एकलिंगजी मंदिर Rajasthan Famous Temple )

    उदयपुर से 24 किमी की दूरी पर, प्राचीन हिंदू मंदिर है.यह पर्यटक आकर्षणों में से एक है। उदयपुर जिले के एकलिंगजी कैलाशपुरी शहर में स्थित है। मेवाड़ के महाराणाओ के आराध्य देव श्री एकलिंगजी मेवाड़ के आधिपति कहलाते है। और महाराणा उनके देवान कहलाते है। सम्पूर्ण भारत में शायद ही ऐसा कोई राज्य होगा जहाँ के राजा शिव राजा हो। इस मंदिर भगवन शिव , एक शिवलिंग में व्यक्त हुवे है। श्री एकलिंगजी की मूर्ति के चार मुख है , जिसे काले संगमरमर निर्मित किया गया है। मूर्ति के चार मुख उत्तर,पश्चिम,पूर्व,दक्षिण में है। महाशिवरात्रि के दिन शिव की मूर्ति को गहनों से सजाया जाता है। प्रारंभ में, मंदिर का निर्माण 734 ईस्वी में मेवाड़ राजवंश के संस्थापक बप्पा रावल ने करवाया था।

    गलता जी मंदिर ( गलता जी मंदिर Rajasthan Famous Temple )

    जयपुर में स्थित है और गलता जी की पूजा यहां पर बहुत मान्यता प्राप्त है। ये मंदिर बंदर वाला मंदिर के नाम से आधिक प्रचलित है। राजस्थान के सबसे पुराने मंदिरों में से एक है .इस का निर्माण 18वीं सदी में हुआ था.कहते हे की आज से 1000वर्ष पूर्व इस स्थान गलाव नामक ऋषि ने 100वर्ष तक तपस्या की थी , उन्ही के नाम पर इस स्थान गलता जी कहाँ जाता है, यहा पर 7,8 पवित्र कुंड है उनमे से सबसे पवित्र कुंड है वो गलता जी का ही हे , यहा लगातार झरना बहती रहती हे। यहां पर बहुत सारे बंदर है लेकिन आने वाले किसी भी व्यक्ति, श्रद्धालु को किसी को भी तरह की परेशानी नहीं होती है । यह बहुत ही अत्यंत सुंदर स्थान ह।

    रणकपुर जैन मंदिर ( रणकपुर जैन मंदिर Rajasthan Famous Temple )

    यह प्रसिद्ध मंदिर राजस्थान के पाली जिले में सादड़ी शहर के पास रणकपुर गांव में स्थित है । जैन धर्म के इतिहास में पहले तीर्थंकर भगवान आदिनाथ की 6 फिट की मूर्ति है 48,००० वर्ग फुट के क्षेत्र को कवर करता है जिसमें 400 संगमरमर के खंभे है। इसमें 2 बड़े विशाल घण्टे लगे हुवे हे जो आरती के समय बजते हे , जिनकी जानकर मिलो दूर तक सुनाई जाती है। कहाँ जाता हे की एक साधारण व्यक्ति दीपा कारित ने इस मंदिर की कल्पना की थी , और इस भव्य मंदिर का निर्माण 60वर्ष में पूरा हुवा था। मंदिर में आदिनाथ जी की मूर्ति हे जिसको चारो तरफ से देखा जा सकता है। यह मंदिर तीन मंजिला है , मंदिर मोमबत्तीयो के प्रकाश से ही आलोकित रहता है,इस मंदिर की सबसे बड़ी प्रतिमा यह है कि इसमें जैन प्रतिमाओं के अलावा हिंदू देवी देवताओं की प्रतिमा भी है।

    Must See – Rajasthan Famous Temple Story

    ब्रह्मा मन्दिर पुष्कर ( ब्रह्मा मन्दिर पुष्कर Rajasthan Famous Temple )

    ब्रह्मा मन्दिर पुष्कर

    यह एक भारतीय हिन्दू सभ्यता मन्दिर है जो राजस्थान राज्य के अजमेर ज़िले में पुष्कर में स्थित है। इस मन्दिर में जगत पिता ब्रह्माजी की मूर्ति स्थापित है। यह मंदिर लगभग 2000 साल पुराना माना जाता है .यह मंदिर हिंदू धर्म के सृष्टि के देवता भगवान ब्रह्मा को समर्पित है। राजस्थान की आरावली की पहाड़ियों के बीचो बीच बसा पुष्कर शहर है। पुष्कर में बसा ब्रह्मा जी का मंदिर खास है। कहाँ जाता है,सृष्टि का निर्माण शुरू किया तब सबसे पहले ब्रह्मा जी पुष्कर का निर्माण किया था। कहाँ जाता है की भगवान ब्रह्मा जी 10000 साल तक यहा पर तपस्या की थी।

    अम्बिका माता मंदिर ( अम्बिका माता मंदिर Rajasthan Famous Temple )

    उदयपुर से पूर्व दिशा में लगभग 55 किलोमीटर की दूर, कुराबड़ रोड पर स्थित जगत गांव का अम्बिका मंदिर अपनी सुंदरता के लिये जगत प्रसिद्ध है। 10वीें सदी के बीच बना यह मंदिर है,और इसे मेवाड़ का खजुराहो भी कहाँ जाता है। इस मंदिर में अलग अलग प्रकार की कला प्रतिमा बानी हुई है ,पुरे मंदिर पर तरह तरह की खजुराहो मुर्तिया बनी हुई है। और यहां पर आपकी हर मनोकामना होगी पूरी।

    मेंहदीपुर बालाजी मंदिर ( मेंहदीपुर बालाजी मंदिर Rajasthan Best Balaji Temple )

    मेंहदीपुर बालाजी मंदिर

    राजस्थान के दौसा जिले मे स्थित है. यहां भूत-प्रेत को भागने और नकारात्मकक बुराइयों से बचने के लिए देश भर से श्रद्धालू आते हैं.बजरंगबली जी का यह एक ऐसा मंदिर हे यहा का प्रसाद आपने साथ घर नहीं ले जाया जाता हे। भूत-प्रेत से छूटकर पाने के लिए जाते हे। यहा पर आरती के समय श्रद्धालू की भीड़ होती है। मान्यता है की बालाजी के यह जल के 3 छींटे पड़ने पर बिलकुल ठीक हो जाते है। और साथ ही वहाँ कोतवाल भैरव जी भी विराजमान है। Mendipur Balaji one of the high recommend Best Rajasthan Famous Temple

    दिलवाड़ा मंदिर ( दिलवाड़ा मंदिर Rajasthan Best Famous Temple )

    Rajasthan Famous Temple दिलवाड़ा मंदिर पाँच मंदिरों का एक समूह है। ये राजस्थान के सिरोही जिले के माउंट आबू नगर में स्थित हैं। इस मंदिर की इंटरनेट पर बहुत सारी सुंदर-सुंदर पिक्चर से उनको देखकर ताजमहल भी फीका नजर आता है। इस मंदिर की स्थापना 11वी से 13वी शताब्दी में की गई थी । यह संगमरमर से बना हुवा मंदिर है , दिलवाड़ा 5 मंदिरों का समुह है ,दिलवाड़ा मंदिर को बनने में 14 साल का समय लगा था , करीबन 18 करोड़ रुपए लगे थे। यहां पर बहुत मान्यता प्राप्त है।

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