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    Mavli Tehsil इतिहास, प्रसिद्ध चीजे, junction timming सम्पूर्ण जानकारी

    राजस्थान राज्य के उदयपुर जिले की एक Tehsil जिसका नाम Mavli हे। Mavli Tehsil की उदयपुर से दुरी 26 किमी हे। उदयपुर जिले का एक प्रमुख रेलवे  जंगशन मावली में बना हुआ हे। यहा से बहुत सारे शहर की रेल कनेक्टिविटी हे। मावली शहर ही फेमस मिठाई मावली की मावा राबड़ी हे। मावली में विश्व प्रसिद्व एक बावड़ी हे।  जिसे बैजी राज की बावड़ी के नाम से जाना जाता है। ये बावड़ी दहेज़ में दी गई हे। मेवाड़ के कई राज घराने आज भी Mavli Tehsil  में भोजन नहीं करते हे। मावली में तीन जिलों का निर्माण करवाया गया जिसमें एक तालाब आज भी नाथेला,दूसरा हेमसागर है।एक तालाब जो कि आजकल लुप्त हो गया है उसका नाम था बगलेला।

    Mavli Tehsil का पिनकोड 313203 हे।

    जयपुर स्थित मोती डूंगरी पर भगवान गणेश जी की मूर्ति ऐसा कहते हैं कि मावली से ही ले जाकर स्थापित की गई है अर्थात जयपुर के गणेश जी मावली से जयपुर पधारे हैं

    Mavli Tehsil  की फेमस राबड़ी का इतिहास |

    अंग्रेजों के समय जब महाबली में रेलगाड़ी का आवागमन शुरू हुआ तब यहां किसी सज्जन द्वारा दूध से रबड़ी बनाकर लोगों को खिलाई जाती थी जब यह रबड़ी अंग्रेजों ने खाई तो रबड़ी अजमेर में अंग्रेज अधिकारियों तक पहुंचा करती थी इस कारण से मावली की राबड़ी बहुत ही फेमस हो गई जो आज तक प्रसिद्ध है |

    बैजी राज की बावड़ी Mavli Tehsil

    Mavli की बावड़ी के पीछे  एक बहुत ही दिलचस्प कहानी है। बावड़ी का निर्माण राणा भीम सिंह जी की मां और बहन ने वर्ष 1772 और 1780 के बीच करवाया था। इतिहास के अनुसार महाराणा की राजमाता सरदार कुंवारी थीं। वह गोगुन्दा के झाला परिवार से थीं और उनका विवाह महाराणा अरी सिंह जी द्वितीय से हुआ था। महाराणा अरि सिंहजी-द्वितीय की एकमात्र पुत्री बैसा चंद्रावती जी का विवाह रतलाम के महाराजा पर्वत सिंह के साथ हुआ था।चन्द्रावती महाराणा फतह सिंह जी की पुत्री थी। बावड़ी बैजिराज चंद्रावतीजी को दहेज में दी।

    मावली शहर के बावड़ी और मंडप आज भी  वीरता और इतिहस की गौरव गाथाये गाथे प्रतीत होते हे। बावड़ी दहेज़ में दिए होने के कारण आज भी मेवाड़ के बहुत से राज घराने मावली में भोजन नहीं करते। ये बावड़ी संगमंगमर से निर्मित हे।

    बैजी जी राज के निवास स्थान को बैजी जी राज का रोला कहते थे जहां आज राजकीय बालिका सीनियर माध्यमिक विद्यालय चलता है तथा सामने वाले भाग को आज भी रावला चौक कहते हैं बैजी जी राज की सुरक्षा के लिए एक चौकी स्थापित की गई थी जहां पुरुष सैनिक तैनात रहते थे वहां पर किसी सैनिक के बलिदान होने के कारण सदस्य की मूर्ति स्थापित है जहां बाद में पुलिस चौकी स्थापित की गई तथा वर्तमान में पुलिस थाना

    अन्य जगह बन जाने के कारण उसे चौकी में स्थित सदस्य की पूजा पुलिस थाने के तरफ से ही की जाती है वहीं रावला चौक में स्थित भगवान श्री लक्ष्मी नारायण जी का मंदिर बैजी जी राज के समय ही बनवाया गया था

    यहा एक बगीचा लगवाया जिसमे  इमली के पेड़ अधिक होने से आज तक आमलिया बाग कहते हैं जहां वर्तमान में अस्पताल है |

    Mavli Tehsil के प्रसिद्ध मंदिर

    लक्ष्मी नारायण मंदिर

    श्री रामजी -माता सीता जी  भ्राता लक्ष्मण जी अखाडा

    चंदा प्रभु स्वामी जैन मंदिर

    चामुंडा माता मदिर

    राडाजी बावजी मदिर

    धुनिमाता मंदिर (शहर के बहार डबोक )

    मावली का प्रसिद्ध नारायणपुर का मेला (Mavli Mela)

    Mavli मेले का इतिहास पिछले 800 साल से माना जाता हे। मावली मेला जिले में लगने वाला एक बड़ा मेला हे। Mavli mela को देखने देश विदेश से लोग आते हे। आदिवासियों की अलौकिक संस्कृति आज भी यहा विद्यमान हे।

    मावली मेला यहा के निवासियों के साथ पुरे क्षेत्र में विख्यात हे। इस मेले को आस्था का पर्व माना जाता हे इस मेले के माद्यम से लोग यहा की संस्कृति और आदिवासियों के जीवन के दर्शन करेंगे लोग। बस्तर की अंतरास्ट्रीय वासचं यहा की संस्कृति हे। मावली नारायणपूरा मेला आदिवासियों का सबसे बड़ा मेला हे इस मेले में संभाग के समस्त आदिवासी समाज जुटता हे। मावली नारायणपूरा मेला शिवरात्रि में पेले भरता मेला फरवरी के आखिरी दिन से मार्च के शुरुआत के दिनों के बिच भरता हे। 

    मावली का सम्पूर्ण इतिहास । (Mavli Tehsil)

    होली गांव में बनवीर उदय सिंह के बीच छोटी जड़प हुई थी इस कारण उसे स्थान को होली कहते हैं और जहां विष्णु जी के छप्पर में बड़ा युद्ध हुआ था उसे स्थान को मा होली नाम दिया गया मा होली से बाद में मावली नाम हो गया |

    मावली का युद्ध

    जब बनवीर को समाचार मिले की महाराणा उदय सिंह कुंभलगढ़ के किले में सुरक्षित है तथा उनका विवाह हो चुका है एवं पुत्र भी प्राप्त हो गया है तब विशाल सेवा के साथ कुंभलगढ़ की तरह बड़ा उससे पहले मेवाड़ के अन्य सामंतों को लगा कि महाराणा उदय सिंह कुंभलगढ़ में सुरक्षित हैं तो सामंत धीरे-धीरे जाकर कुंभलगढ़ में महाराणा उदय सिंह से मिल गए तथा पाली से अकेला सोनगरा की सहायता लेते हुए अन्य सामंतों के सहयोग से एक विशाल सेवा का निर्माण करती तोड़कर की तरफ पड़े दोनों का मुकाबला वर्तमान में मावली गांव के समीप हुआ जहां एक छोटा सा युद्ध हुआ उसे युद्ध से बनवीर पीछे हट गया तथा

    उसे युद्ध वाले स्थान को आजकल होली नाम से पुकारा जाता है जो होली गांव वर्तमान में स्थित है वहां से पीछे हटकर बनवीर ने विष्णु जी के छप्पर में मिट्टी का देर लगाते हुए किलाबंदी की जिस पर महाराणा उदय सिंह ने भीषण हमला किया तथा वहां से बनवीर परास्त होकर पहाड़ों में भाग गया उसे स्थान का नाम उसे समय महा होली कहां जाने लगा जो बाद में मावली नाम से प्रसिद्ध हो गया |

    आगे चलकर महाराणा उदय सिंह ने चित्तौड़गढ़ में अपनी राजधानी स्थापित कर दी

    मावली राज परिवार

    महाराणा फतेह सिंह की पुत्री चंद्रावती या चांद कंवर का वैवाहिक संबंध जोधपुर के युवराज से स्थापित किया गया किंतु विवाह से पहले ही युवराज मृत्यु को प्राप्त हो गए यह सुनकर राजकुमारी ने अन्य किसी से विवाह करने से मना कर दिया तथा कुंवारा रहना स्वीकार किया तब महाराणा फतेह सिंह ने अपनी पुत्री के इस तपस्वी जीवन को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए मावली नामक स्थान पर एक भव्य महल का निर्माण करवाया एक मंदिर का निर्माण करवाया तथा एक सुरक्षा चौकी स्थापित की एवं क्योंकि राजकुमारी अपनी सखियों सहेलियों के साथ रहती थी

    अत उनका झूला झूलने एवं मनोरंजन के लिए एक बाग लगाया गया एवं एक सुंदर बावड़ी का निर्माण किया गया उसे स्थान को वर्तमान में भाई जी राज की बावड़ी तथा अम्लीय बाग के नाम से जाना जाता है मावली नामक गांव का जितना भी राजस्व इकट्ठा होता था और राजकुमारी के आयुर्वेद में काम आता था तथा बचा हुआ भाग भाई जी राज स्वयं राजकुमारी जी अपने हाथ से दान पुण्य करते थे |

    Mavli junction

    Mavali Junction Direction

    Mavli Tehsil
    mavli tehsil jankari junction

    मावली जंक्शन रेलवे स्टेशन राजस्थान के उदयपुर जिले में एक रेलवे स्टेशन है। इसका कोड है एमवीजे. यह मावली शहर में कार्य करता है। स्टेशन में पाँच प्लेटफार्म हैं। पैसेंजर एक्सप्रेस और सुपरफास्ट ट्रेनें यहां रुकती हैं |

    Mavli junction Train Timming

    Train name (no.) passing via

    Mavli Junction Arrives DepartsStop time M T W T F S S
    Aii Ju Special (09615) 04:40 04:42 2 min N N N N N N Y
    Ju Aii Special (09616) 05:20 05:222 min N Y N N N N N
    Kota Udz Special (09801) 15:24 15:242 min N N N N Y N N
    Udz Kota Special (09802) 16:58 17:002 min Y Y Y Y Y Y Y
    Aii Beas Special (09601) 01:10 01:122 minN N N Y N N N
    Aii Beas Special (09602) 03:0303:052 minN N Y N N N N
    Ndt Udz Special (09607 06:40 07:5575 minN N N N N N Y
    Udz Ndt Special (09608) 17:2518:3570 min N N N N N N Y
    Jp Udz Superfast Special (09721)12:4512:472 minY Y Y Y Y Y Y


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