राजस्थान के बीकानेर मैं स्थित है श्री karni mata mandir जहा 25000 चूहों के कारन काफी लोकप्रिय है। इन काले और सफेद चूहों को माता जी की संतान माना जाता है , इस लिए भक्तो को इन चूहों के जूठा प्रशाद दिया जाता है। बीकानेर मैं karni mata mandir पर्यटकों के बिच काफी मशहूर है। ये मंदिर करनी माता को समर्पित है। यहाँ के लोगो के माना है की ये लोगो की रक्षा करने वाली देवी दुर्गा के अवतार है।
करनी माता चरण जाती की योद्धा ऋषि थीं। एक तपस्वी का जीवन जीते हुआ , यहाँ रहने वाले लोगो के बिच वह पूजे जाते थे। जोधपुर और बीकानेर के महाराजाओ से अनुरोध प्राप्त कर के उन्होने मेहरानगढ़ और बीकानेर किले की आधारशिला भी रखी। हलाकि उन्हे समर्पित कई मंदिर है। लेकिन बीकानेर से 30 किलोमीटर दूरी पैर देशनोक शहर मैं इस्थित मंदिर की सबसे ज्यादा मनियाता है।
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karni mata mandir की वास्तुकला के बारे मैं कुछ जानकारी
karni mata mandir का निर्माण 20वी शताब्दी मैं बीकानेर के राजा के द्वारा बनवाया गया था। मंदिर की पूरी संरचना संगमरमर से बानी है और इस की वास्तुकला मुग़ल शैली से मिलती जुलती है। बीकानेर की करनी माता की मूर्ति मंदिर के अंदर गर्भगृह के भीतर विराजमान है।
जिस मैं वह एक हाट मैं त्रिशूल धारण किये हुए है। देवी की मूर्ति के साथ उनकी दोनों बहनो की मूर्ति भी हैं।
प्रसाद में दी जाती है चूहों की जूठन
बीकानेर मैं karni mata mandir केवल वास्तुकला के लिया ही लोकप्रिय नहीं हैं , बल्कि यहाँ मंदिर 25000 चूहों का घर भी हैं , जिन्हे अक्शर यहाँ घूमते देखा जाता हैं आम तोर पैर कोई भी चूहों की जूठी चीज़ खाने की बजाये उसे फक देता हैं लाकिन यहाँ पैर भक्तो को चूहों के जूठा प्रशाद दिया जाता हैं। यहाँ इस मंदिर की पवित्र प्रथा हैं। यही वजह हैं की भारत और विदेशो के कोनो से लोग इस अद्धभुत नज़ारे को देखने आते हैं।
चूहों को मारना है महापाप
सभी चूहों में से, सफेद चूहों को खासतौर से पवित्र माना जाता है क्योंकि उन्हें करणी माता और उनके पुत्रों का अवतार माना जाता है। हालांकि, गलती से भी चूहे को चोट पहुंचाना या मारना इस मंदिर में एक गंभीर पाप है। इस अप्राद को अंजाम देने वाले को तपस्या के रूप मैं उस मारा हुए चूहे को सोना के चूहे से बदल कर देने होगा। इसलिए यहाँ पर लोग पैर उठा कर नहीं चल तेह बल्कि घसीटकर चल था हैं।
karni mata mandir की कुछ दिलचस्ब कहानी
यहाँ के रीति – रिवाजो के आलावा , karni mata mandir से जुडी कही दिलचस्ब कहानियां भी हैं। इन कहानियों मैं सबसे प्रचलित कहानी करनी माता के सौतेले बाटे लक्षमण की हैं। एक दिन कोलायत तहसील में कपिल सरोवर से पानी पीने की कोशिश करते समय लक्ष्मण उसमें डूब जाते हैं। अपना नुकसान से दुखी होकर , करनी माता ने देवता यम से काफी प्राथना की। यम राज को विवस होकर उसे चूहे के रूप मैं पुनर्जीवित करना पड़ा।इन चूहों की विशेषता यह भी है कि सुबह पांच मंदिर में होने वाली मंगला आरती और सांध्य आरती के समय चूहे अपने बिलों से निकलकर बाहर आ जाते हैं।
फ्लाइटसे – बीकानेर से सबसे पास में जोधपुर एयरपोर्ट है, जिसकी दूरी यहां से 220 किमी है। एयरपोर्ट से करणी माता मंदिर के लिए टैक्सी बुक कर सकते हैं।
ट्रेनसे – यहां से सबसे पास रेलवे स्टेशन लगभग 30 किमी दूर बीकानेर है। यह दिल्ली, कोलकाता, आगरा, जयपुर, इलाहाबाद आदि शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। शानदार ‘पैलेस ऑन व्हील्स’ राजस्थान के अपने आठ दिन की विजिट में बीकानेर को भी कवर करती है। स्टेशन पर पहुंचकर करणी माता मंदिर के लिए लोकल ट्रांसपोर्ट आसानी से मिल जाता है
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