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    Bhinder राजस्थान राज्य के उदयपुर जिले में बसा एक शहर और नगरपालिका

    Bhinder शहर एक नवनिर्मित तहसील मुख्यालय हे जो की उदयपुर से 60 किमी की दुरी पर स्थित हे। भींडर शहर धार्मिक नगरी के नाम से भी जाना जाता हे यहा पर कही सारे प्रसिद्ध मंदिर हे जो की एक बहुत बड़ा आस्था का केंद्र हे। तहसील मुख्यालय, नगरपालिका, पंचायत समिति और विधुत विभाग आदि सभी भींडर शहर में ही हे। भींडर तहसील का पिनकोड 313603 हे। भींडर का राज घराना आज भी भींडर शहर में निवास करता हे। Bhinder तहसील वाहन संख्या Rj 27 से शुरू होती हे।

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    Bhinder तहसील की भौगोलिक स्थिति

    भींडर तहसील में हिंदी और मेवाड़ी बोली जाने वाली आम भाषा हे। यहा से पश्चिम में जिला मुख्यालय उदयपुर 60 किमी, उतर पूर्व में चित्तौड़गढ़ जिला 73 किमी, दक्षिण में सलूम्बर जिला 60 किमी की दुरी पर और पूर्व में प्रतापगढ़ जिला 102 किमी की दुरी पर स्तिथ प्रमुख जिला मुख्यालय हे। भींडर तहसील का कुल क्षेत्र 341 वर्ग किलोमीटर हे। भींडर तहसील में साल में औसत वर्षा 608 मिमी और साल में 30 दिन तक होती हे। भींडर तहसील की समुन्द्र तल से ऊंचाई 495 मीटर हे।

    चारगड़िया (5 किमी), कुंडई (6 किमी), वानिया तलाई (6 किमी), मोतिदा (7 किमी), हीता (7 किमी) भिंडर की नजदीकी गाँव पंचायत हैं। भींडर पूर्व की ओर डुंगला तहसील, पूर्व की ओर बरीसादरी तहसील, पश्चिम की ओर गिरवा तहसील, उत्तर की ओर भोपालसागर तहसील से घिरा हुआ है।

    Bhinder को तहसील मुख्यालय का दर्जा

    भारतीय गणराज्य के गठन से पहले, वर्तमान भिंडर तहसील का क्षेत्र पूर्व उदयपुर राज्य का हिस्सा था।1948 में संयुक्त राज्य राजस्थान (राजस्थान राज्य के अग्रदूत) के गठन के साथ, उदयपुर के नए जिले का गठन किया गया जिसमें वर्तमान Bhinder तहसील का क्षेत्र शामिल था।

    1959 में, वल्लभनगर तहसील के भीतर Bhinder की उप-तहसील बनाई गई थी। तहसील का दर्जा प्राप्त करने के लिए स्थानीय कार्यकर्ताओं द्वारा लगभग 40 साल के लंबे संघर्ष के बाद, भींडर 2017 में एक तहसील बन गया। तहसील को तहसील का दर्जा महाराज रणधीर जी के MLA पद के कार्यकाल में मिला।

    Bhinder तहसील की जनसंख्या का समीकरण

    भींडर तहसील की ज्यादातर जनसंख्या ग्रामीण क्षेत्र में निवास करती हे। भींडर तहसील की जनसंख्या में 95 % भाग ग्रामीण क्षेत्र का हे।

    Bhinder के राज परिवार का इतिहास

    भिंडर गांव महाराज शक्ति सिंह को उनके बड़े भाई महाराणा प्रताप, मेवाड़ के शासक द्वारा वर्ष 1578 ईस्वी में ‘हल्दी घाटी‘ युद्ध में उनकी सहायता के लिए उपहार के रूप में दिया गया था। भिंडर पर महाराज शक्ति सिंह, महाराज भानजी, महाराज जोरावर सिंह, महाराज हमीर सिंह, महाराज मदन सिंह, महाराज केसरी सिंह, महाराह माधो सिंह, महाराज मान सिंह और महाराज भैरव सिंह जैसे महान शासकों का शासन रहा था। वर्तमान में महाराज भैरव सिंह के वंशज महाराज रणधीर सिंह Bhinder के 19वें रावत हैं। भिंडर गांव अपनी कलात्मक तलवारों, सोने और चांदी के गहने, कपड़े और लघु चित्रों के लिए भी प्रसिद्ध है।

    टूरिस्ट प्लेसेस इन भींडर तहसील

    Bhinder राज महल

    राजमहल- द हेरिटेज होटल भींडर में रहने का शाही अनुभव देता है। यह देश की मिट्टी में वीरतापूर्ण संस्कृति और प्राकृतिक आनंद का एक आदर्श मिश्रण है। राजमहल भींडर कभी महाराणा प्रताप के छोटे भाई महाराजा शक्ति सिंह का आवासीय महल रहा है। राजमहल विशिष्ट मेवाड़ वास्तुकला में निर्मित है। 16वीं शताब्दी का यह महल स्थानीय भींडर पत्थर पर गर्व से खड़ा है। राजमहल स्तंभों, मेहराबों, गुंबदों और नाटकीय झरोखों से घिरा हुआ है जो एक बार फिर रोमांस और शांति के सह-अस्तित्व को साबित करते हैं।

    कलिका माता मंदिर / Kalika Mata Mandir Bhinder

    Kalika Mata Mandir Bhinder

    भींडर को धार्मिक नगरी कहने में कलिका माता मंदिर एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता हे यह मंदिर देवी सती के शक्ति पीठो में गिना जाता हे। Bhinder की आस्था का एक महत्व पूर्ण हिस्सा हे। यहा साल भर दर्शनार्थी आते हे। नवरत्रि में यहा काफी संख्या के लोग माता का आशीर्वाद लेने आते रहते हे। नवरात्री में यहा मेला भरता हे जो लोग दूर दूर से देखने आते हे। नवरात्री की आठम को विशेष दिन मन जाता हे जब नवरात्री समापन और कलिका माता का मंदिर में परिक्रमा करते हे हे नजारा देखने और परिक्रमा के समय आशीर्वाद देने हजारो की भीड़ लगती हे मंदिर में। मंदिर काफी खूबसूरत तरीके से निर्मित हे काफी बड़ा परिसर बनाया गया हे।

    भिण्डेश्वर महादेव मंदिर / Bhindeshwar Mahadev Mandir Bhinder

    Bhindeshwar Mahadev Mandir Bhinder

    भिण्डेश्वर महादेव मंदिर जिस मंदिर के नाम पर पड़ा भींडर शहर का नाम। मंदिर भीण्डर और आस पास के क्षेत्र का एक बड़ा आस्था का केंद्र हे मंदिर Bhinder में सूरज पोल बस स्टेण्ड से 50 मीटर की दुरी पर स्तिथ हे महादेव मंदिर भींडर शहर के गंभीर सागर तालाब के किनारे पर बना हुआ हे मंदिर के शिवलिंग के बारे में माना जाता हे की शिवलिंग स्वयंभू हे सव्हीलिंग की स्थापना स्वयं धरती से हुई हे इस लिए इस मंदिर को सवयंमभू भिण्डेश्वर महादेव के नाम से जाना जाता हे। शिव रात्रि और श्रावण मास में यहा भगतो की भीड़ लगी रहती हे।

    Narsingh Mandir Bhinder / नरसिंह मंदिर

    Narsingh Mandir Bhinder

    नगर आराध्य भगवान नरसिंह का मंदिर काफी पुराना हे इसका इतिहास भींडर शहर के स्थापना के समय से माना जाता हे मंदिर शहर के बीचो बिच बना हुआ हे। मंदिर शहर का सबसे बड़ा आस्था का केंद्र हे। नरसिंह चतुर्दशी और जलझूलनी एकादशी के दिन यहा भगवान नगर ब्रमण को निखलते हे। इस दिन पूरा शहर मिलकर जुलुस निकले हे जुलुस में आसपास के शहर से काफी संख्या में लोग सम्मिलित होते हे और आनद पूर्वक प्रोग्राम करते हे।

    जैन मंदिर / Jain Mandir Bhinder

    यहा मंदिर जैन समुदाय के आस्था का केंद्र हे मंदिर भगवान दिगंबर और श्वेताम्बर को समर्पित हे। मंदिर का निर्माण सफ़ेद संगमंगमर से करवाया गया हे मंदिर अपनी पारम्परिक शिल्प कला में बना हुआ हे। मंदिर के मुख्य दरवाजे पर मार्बल से निर्मित हाथी की प्रतिमा लगी हुई हे।

    श्री चारभुजा जी मंदिर / Charbhuja ji Mandir Bhinder

    भींडर नगर में बना ये मंदिर उदयपुर के जगदीश मंदिर की तर्ज पर बनाया गया हे। उदयपुर के जगदीश मंदिर निर्माण के साथ इस मंदिर का भी निर्माण करवाया गया था मंदिर काफी पारम्परिक शैली में निर्मित हे। भगवान जगन्नाथ की सोभा यात्रा के समय यहा पर भी शोभा यात्रा निकाली जाती हे।

    Bhinder नगर के बहार के धार्मिक स्थल

    मेनार

    मेनार में भगवन शिव को समर्पित क्षेत्र की सबसे बड़ी शिव प्रतिमा ब्रम्हा सागर तालाब के किनारे 52 फिट की हे जो पास से गुजर रहे हाइवे NH 76 से भी दिखाई देती हे।

    केदारिया (बासड़ा )

    बासड़ा के केदारिया में बना भगवान शंकर का मंदिर आपने शिवलिंग की आकृति और अपनी बनावट के लिए प्रसिद्ध हे। मंदिर परिसर में बने कुए के पानी से नहाने से शरीर पर हो रहे मस की समस्या से आराम मिलता हे और यहा नदी भगवन को नामक चढ़ाने से मस में पूर्ण निजाद मिलता हे।

    कुण्ठवास (भड़का मंडी )

    यह क्षेत्र प्रकृतिक ख़ूबसूरती के लिए विख्यात हे यह क्षेत्र प्राकृतिक पहाड़ियों से गिरा हुआ हे। इस स्थान पर एक अलग ही सन्ति का ऐसास होता हे यहा पर शिव मंदिर माता काली का मंदिर हे। कुण्ठवास से 3 किमी की दुरी पर स्थित हे।

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    सारंगपूरा का वनखण्डेश्वरी माता का मंदिर
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    आदि काफी दार्शनिक दशानिक और प्राकृतिक क्षेत्र हे जो मन को काफी तनाव मुक्त और शांति प्रदायक हे।

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    Bhinder तहसील की राजनीती

    भींडर की राजनीती में मुख्य भूमिका दो पार्टिया निभाती हे एक हे बीजेपी और दूसरी हे कांग्रेस यहा की राजनीती बहुत ही रोचक हे यहा बीजेपी और कांग्रेस और पूर्व जनता हे के बिच काफी ज्यादा टक्कट दिखाई देती यहा पर जितने वाली पार्टी एक तरफ़ा नहीं जीत पाती हे। लेकिन जब से जनता सेना का विलय बीजेपी में हुआ तब से यहा की राजनीती के समीकरण बदल गए हे यहा अब बीजेपी काफी मजबूत स्तिथि में दिखाई पड़ती हे भींडर की राजनीती में बीजेपी से प्रमुका चेहरा महाराज रणधीर सिंह जी, उदयलाल दांगी ( MLA ) और हिम्मत सिंह जी झाला और कांग्रेस के बड़े चहरे प्रीति गजेंद्र सिंह शक्तावत (पूर्व MLA ) सुनील जी कुकड़ा, भीमसिंग जी चुण्डावत आदि प्रमुख हे।

    विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र :-वल्लभनगर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र
    वल्लभनगर विधानसभा विधायक :-उदयलाल डांगी
    लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र :- चित्तौड़गढ़ लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र
    संसद सांसद :-चंद्र प्रकाश जोशी

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