राजस्थान के राजपुताना रियासतों को कभी किसी की गुलामी पसंद नहीं आई. इस वजह से वो बिखर कर अलग तहसील में रहते थे. जब भारत को एक किया गया, तब काफी मेहनत से मनाए जाने के बाद सभी रियासतों ने बारी-बारी से एक राज्य के अंदर खुद को संग्रहित कर दिया.

सात बार बदला नाम राजस्थान को आज हम जानते हैं, उसके नाम को ही कई बार बदला गया गया. जैसे -जैसे इसमें रियासत जुड़ती गई, वैसे-वैसे इसके नाम को बदला गया.

सबसे पहले आजादी के साल यानी 1947 में में इसे बनाया गया. उस समय इसके अंदर अलवर, भरतपुर, धौलपुर और करौली शामिल थे. तब इसे मतस्य यूनियन का नाम दिया गया था.

दूसरे बार में इसके अंदर नौ राज्य और जुड़े और दो तहसीलों को जोड़ कर इसे राजस्थान यूनियन का नाम दिया गया.

तीसरे बार  में उदयपुर इसके अंदर आया और ये यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ़ राजस्थान बना.

चौथे बार  में इसके अंदर बीकानेर, जयपुर, जैसलमेर और जोधपुर आए जिसने इसे ग्रेटर राजस्थान बना दिया.

पांचवे बार में मत्स्य यूनियन से अलग होकर ये यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ़ ग्रेटर राजस्थान बना.

छठे बार  में इसके अंदर सिरोही की एंट्री हुई और ये यूनाइटेड राजस्थान बन गया.

सातवें और सबसे आखिरी बार  में इसमें अजमेर, अबू रोड तहसील और सेनेल-टप्पा रीजन को मिलाया गया. जिसके बाद आज का राजस्थान बन गया.