जैसलमेर दुर्ग के दर्शनीय स्थलों को विस्तार पूर्वक देखना चाहते हैं, तो इसके लिए थोड़ा ज्यादा समय निकालकर आए और इन जगह को अच्छी तरह देखे हैं। किले के अंदर आपको जैन मंदिर, बहुत सारे व्यू प्वाइंट, राजा रानी का महल, मंदिर, प्राचीन तोप और भी बहुत सारे जगह देखने के लिए मिलती है। इसके अलावा किले में बहुत बड़ा मार्केट लगता है, जहां पर तरह-तरह के सामान मिलते रहते हैं।
सैम सैंड ड्यून्स जैसलमेर का एक बहुत ही मनोरंजक स्थल है। यह जैसलमेर में घूमने लायक जगह है। यहां पर आपको रेत का समंदर देखने के लिए मिलता है। चारों तरफ रेत ही रेत देखने के लिए मिलती है। यहां पर कैंप की सुविधा उपलब्ध रहती है। आप यहां पर कैंप के लिए ऑनलाइन बुकिंग करके आ सकते हैं
यहां पर एक बहुत बड़ी झील देखने के लिए मिलती है। गड़ीसर झील मुख्य जैसलमेर शहर में ही स्थित है और इस झील के किनारे बहुत सारे मंदिर बने हुए हैं। यहां पर शंकर जी का मंदिर बना हुआ है, जो बहुत सुंदर है और मंदिर के गर्भ गृह में शंकर जी के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। गड़ीसर झील पर बोटिंग का मजा लिया जा सकता है।
यह हवेली मुख्य जैसलमेर शहर में स्थित है। इस हवेली की वास्तुकला बहुत ही अद्भुत है। यह हवेली बहु मंजिला है। हवेली में, जो खिड़कियां बनाई गई है। वह बहुत ही सुंदर दिखती हैं। हवेली के अंदर बहुत सारी प्राचीन वस्तुओं का संग्रह देखने के लिए मिल जाता है।सलीम सिंह की हवेली, मंत्री सलीम सिंह का निवास स्थल था। यहां पर सलीम सिंह रहा करते थे। वह पूरे जैसलमेर के मंत्री थे। सलीम सिंह के बारे में कहा जाता है, कि कुलधरा गांव सलीम सिंह के कारण ही खाली हो गया था।
यहां पर पांच सुंदर हवेलियां देखने के लिए मिलती है। इन हवेली की वास्तुकला बहुत ही अद्भुत है। देखने में हवेलियां बहुत ही आकर्षक लगती हैं। इन हवेलियों में से सबसे पहली हवेली को देखा जा सकता है। इसे कोठरी की पटवा हवेली कहा जा सकता है। इस हवेली में बहुत सारी वस्तुओं का संग्रह देखने के लिए मिलता है। हवेली के दीवारों, छतों एवं पिलर में बहुत सुंदर काम किया गया है
लोंगेवाला युद्ध स्थल भारत के लिए गर्व करने वाली जगह है। क्योंकि यहां पर धरती की रक्षा के लिए वीर सिपाही ने अपने जान की आहुति दी है। यह स्थल जैसलमेर में, भारत की भारत-पाकिस्तान बॉर्डर के पास में स्थित है। यह स्थल देशभक्ति की भावना से भरा हुआ है, क्योंकि यहां पर हमारे वीरों ने जान दी थी।
श्री तनोट राय माता मंदिर जैसलमेर का प्रसिद्ध मंदिर है। यह एक विश्व प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर जैसलमेर में, भारत और पाकिस्तान बॉर्डर के पास तनोट गांव में स्थित है। तनोट माता का मंदिर इतना प्रसिद्ध किस लिए है। यह जानकर आपको हैरानी होगी। यहां पर पाकिस्तान और भारत के बीच 1971 में जब युद्ध छेड़ा था। तब पाकिस्तान ने यहां पर कुछ बम फेंके थे, जो माता रानी की कृपा से बिस्फोट ही नहीं हुए थे और आज भी उन बमों को मंदिर परिसर में संभाल कर रखा गया है।
लौद्रव जैन मंदिर जैसलमेर का एक प्राचीन मंदिर है। लौद्रव प्राचीन समय में जैसलमेर की राजधानी थी। यहां पर सहस्त्र वर्ष पुराना मंदिर बना हुआ है। यह मंदिर पार्श्वनाथ स्वामी जी को समर्पित है। यहां पर सहस्त्र फनी चिंतामणि पार्श्वनाथ स्वामी जी की सुंदर मूर्ति देखने के लिए मिलती है, जो बहुत ही आकर्षक लगती है। यह मूर्ति काले पत्थर से बनी हुई है। यह मंदिर बहुत सुंदर है। यह पूरा मंदिर बलुआ पत्थरों से बना हुआ है और मंदिर का शिखर बहुत ही आकर्षक है। मंदिर की दीवारों में सुंदर नक्काशी देखने के लिए मिलती है।
बड़ा बाग जैसलमेर का एक प्रसिद्ध आकर्षण स्थल है। यहां पर बहुत ही सुंदर स्मारक देखने के लिए मिलती है। यह स्मारक छतरियां के आकार की है। यह स्मारक,यहां के शासकों की याद में बनाई गई है। यहां पर 100 से भी ज्यादा छोटे-छोटे स्मारक बनाए गए हैं, जो बहुत बड़े क्षेत्र में फैले हुए हैं।