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    राजस्थान में विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस के हारने के 10 कारण :-

    आज हम बात करेंगे कांग्रेस के किन किन कारणों से हार का सामना करना पड़ा। सही तरह से उन्होंने पूरा चुनाव पर ध्यान नहीं दिया क्या मतभेद हो गई थी.जिसके कारण उन्हें इन परिस्थितियों में निराशा हुई ,क्या बदलाव होते तो बीजेपी( BJP ) की जगे कांग्रेस के हाहाकार होते।

    (1) सगंठन की जरूत है ।

    (2) लोगो को समझाने में दिकत आई।

    (3) कांग्रेस विश्लेषण की आवश्यकता है।

    (4) दृष्टिकोण राजनीति।

    (5) कमल नाथ फैक्टर

    (6) अप शब्दो का प्रयोग किया गया।

    (7) कांग्रेस की चाणक्य निति

    (7) कांग्रेस पार्टी में आपसी मतभेद।

    (8) कांग्रेस पार्टी के नेताओं की मन मानी।

    (9) कांग्रेस सरकार को विश्लेषण की आवश्यकता है।

    (10) कांग्रेस सरकार का निर्णेय गलत ले लेना

    (1) कांग्रेस की हार के कारण सगंठन की जरूत है ।

    आज देखा जाये तो कांग्रेस के हारने का कांग्रेस का लचर सगंठन देख सकते है.जिसके कारण कांग्रेस को हारना पड़ा। ज़मीनी स्थिर पर देखा जाये तो कांग्रेस सगंठन बहुत ही कमजोर है। हालांकि एक समय ऐसा भी था.जब कांग्रेस सगंठन पार्टी के लिए खूब मिल जुलकर काम करती थी। उनका संपर्क सीधा जमीन पर लोगो से था। और सरकार की नीतियों और योजनाओं को आम लोगो तक पहुंचना सरल हो जाता था.पर कोई भी अब साथ मिलकर कार्य नहीं कर रहा था। इस कारण कांग्रेस के हारने का सामना करना पड़ा।

    (2)कांग्रेस की हार के कारण लोगो को समझाने में दिकत आई।

    दूसरी कांग्रेस की हारने की बड़ी वजा ये रही,कांग्रेस ने जितना फोकस X जिसे पुराने समय में Twitter कहते थे। उस पर जोर दिया .उसे ज्यादा उन्हें ज़मीनी स्थिर पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए था। जिसे कांग्रेस के हारने का सामना नहीं करना पड़ता| जिसकी जगह पर कांग्रेस के नेताओ ने Twitter पर ही जमकर चुनाव प्रचार किया .और साथ ही नरेंद्र मोदी पर व्यक्तिगत (Personal) रूप से टारगेट किया। हार के रूप में देखा जाये तो कांग्रेस के हारने का ये भी एक मुख्य कारण रहा। और वहीं बीजेपी की सरकार ने लोगो से मिलकर घर घर जाकर उन्हें सरकारी सेवाओं के बारे में बताया।

    (3) कांग्रेस की हार के कारण ने अप शब्दो का प्रयोग किया गया।

    कांग्रेस को हारने का एक कारण यह भी रहा की उन्होंने शब्दो का गलत उपयोग किया। जैसेकि” पनोती “जैसे शब्दो का प्रयोग जो अक्सर निराधार कारणों को प्रकट करता है। ऐसे बयानों का उपयोग कांग्रेस के ऊपर भारी पड़ गया .कांग्रेस के नेताओ से देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को टारगेट करने की विपल कोशिश हार बार की ,भाषा सीमाए लागी गई। और फिर भाजपा ने अपने पक्ष में बोलने में कामयाबी हासिल की जिसके कारण कांग्रेस को हारने का सामना करना पड़ा। कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर विवाद बयान किया। कांग्रेस के हारने का सामना नहीं करना पड़ता|कांग्रेस सही तरह से कार्य करती तो आज कांग्रेस की सरकार होती।

    (4) कांग्रेस की हार के कारणदृष्टिकोण राजनीति

    साथ ही साथ राहुल गाँधी ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ही टारगेट करने की कोशिश की .ये भी कांग्रेस के हारने की बड़ी वजा रही। साथ ही पुरे चुनाव में केवल मोदी ही एक निशाना बने रहे। इस दौरान कांग्रेस अपने द्वारा राज्य में किये गए विकाश कार्यों को दौरान में असफल रही। जनता के मन में एक मोदी जी के लिए सॉफ्ट एंगल साबित करता पूरा चुनाव नजर आया

    .राहुल गाँधी देश जोड़ने निकले थे ,लेकिन पार्टी नहीं जोड़ पाए। राहुल गाँधी ने भारत जोड़ो यात्रा उस समय शुरू की जब शुरू की जब गुजरात और हिमाचल प्रदेश जैसे चुनाव सिर पर थे। और एक तरह से देखा जाये तो दोनों पार्टियों जोड़ तोड़ करती रहती है। एक दूसरे की चुगली करती रहती है। और कांग्रेस सरकार दृष्टिकोण राजनीति ज्यादा करती है,भिड़त वाली इसलिए इसको हारना पड़ा।

    (5) कांग्रेस की हार के कारण पार्टी में आपसी मतभेद।

    इसके अलावा हिंदुत्व कमजोर कम्युनिकेशन के साथ साथ राजस्थान में कांग्रेस अशोक गेहलोत और सचिन पायलट की आपसी गुटबाजी भी भारी पड़ती हुई नजर आई देखा जाए तो कांग्रेस अपनी पार्टी में गुटबाजी और युवाओ को नज़र अंदाज करते हुवे साफ नज़र आई। साथ ही आलख कमांड के नाम पर राहुल गाँधी और खड़गे पूर्ण उम्मीदों पर खरे नहीं उतर सके। राहुल गाँधी ने एन्ड चुनाव से पहले सत्यपाल मलिक के साथ नरेंद्र मोदी पर बड़ा आटेक करने की फ़िराक में पुलवामा हमले कहीं कही राजनैतिक दिलचस्पी दिखाई और पूरा ठीकरा मोदी पर फोड़ने की कोशिश की जिसके बाद कहा जा सकता हे जनता ने कांग्रेस के हारने सबक दिया है।

    (6) कांग्रेस की हार के कारण कमल नाथ फैक्टर

    कांग्रेस के हारने की इस कहानी में सबसे बड़ी गलती हुई वो कमलनाथ है। ये बहुत ही पुराने कांग्रेस के नेता थे। संजय गाँधी के साथ स्कूल में थे .उनके बाद सांसद में सन 1980 में इंदिरा गाँधी के टाइम आये थे। कांग्रेस पाटी का नेता होता है। अब अगर हम कमलनाथ को मुखिया माने ,कमलनाथ पहले चीफ मिनिस्टर बने ,उसके बाद प्रेसिडेंट बने। जो भी राहुल गाँधी , सोनिया गाँधी की और से नुमाइंदा भेजा गया .मध्य प्रदेश,भोपाल भेजा गया। पहले दीपक जी को हटाया ,उसके बाद मुकुल वासनिक (MP IN CHARGE) ,उनके बाद JP Agarwal ,को भी हटाना पड़ा। उनके बाद राहुल गाँधी के ख़ास रणदीप सुरजेवाला की नहीं बनी, एक तो ये रही गलती।

    (7) कांग्रेस की हार के कारण उसकी चाणक्य नीति ।

    कांग्रेस के हारने की बात की जाए तो सुनील क़ानूगोलू इनको आप जानते हो ये कांग्रेस के चाणक्य भी कह सकते है। कनाटक में सुनील क़ानूगोलू का जो डाटा था .उसे हिमाचल और कनाटक कांग्रेस को मिल गया , तो राहुल गाँधी ने सोचा सुनील क़ानूगोलू को मध्य प्रदेश भेजा गया , कमलनाथ के पास भेजा गया तब कुछ ही दिन में सुनील क़ानूगोलू जी भी भोपाल से चले गए। और कमलनाथ ने कहा मुझे किसी की जरूरत नहीं में खुद ही अपने दम पर जीतूँगा। कमलनाथ सही नीति से कार्य करते तो कांग्रेस के हारने का कोई चांस नहीं होता।

    (8) कांग्रेस की हार के कारण पार्टी के नेताओं की मन मानी।

    आप सभी को वो स्टेटमेंट तो याद होगी ही जब कमलनाथ ने कहा कोण “अखिलेश -वखिलेश ? तब अखिलश यादव और नितेश kumar ने कहा GTU और समाजवादी पार्टी ने की उत्तरप्रदेश और मध्य प्रदेश की जो सीमा हे हमेशा से ही सही (अच्छी)छवि रही हे। वहां से हम कही हजार वोट लेकर आते हे . 5,7 सीटे हमे दे दीजिये।

    अगर उनकी जगह राहुल गाँधी होते तो शायद ये उन्हें मना नहीं करते लेकिन कमलनाथ ने टिकिट देने से मना किया और साथ ही साथ कहा की कोन “अखिलेश -वखिलेश। 5 साल के उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश को उन्ही का सयोगी बोल रहा हे की कौन “अखिलेश -वखिलेश” और साथ ही अपनी मर्जी से जिसे चाहे उसे सीटे दे रहे हे। और कोई भी कांग्रेस के नेता कुछ नहीं बोल रहे थे। तो एक तो ये वजा रही कांग्रेस के हारने की।

    (9) कांग्रेस की हार के कारण कांग्रेस सरकार को विश्लेषण की आवश्यकता है।

    कांग्रेस के हारने की सबसे बड़ी गलती शिवराज सिंह जो बदले जा रहे थे। जो गुजरात के निशाने पर खड़े थे . शिवराज सिंह को कमलनाथ ने एक ऐसा मौका दिया जिसे पूरी बाज़ी पलट गई ,जैसे की जो भी पुराने राजनीति के चाणक्य होते हे ,उनका हमेशा से कहना की जो भी जैकपोट होता हे चुनाव का उसे जनता के सामने चुनाव से 2 या 3 महीने पहले ही बतानी चिए ,

    लेकिन कमलनाथ जी ने तो पेलेही सबको बता दिया की सरकार आने दो सबसे खाते में 3 ,3 हजार रूपये आएंगे। लेकिन तभी सही समय पर शिवराज सिंह ने भी एक बढ़िया स्किम निकाली लाड़ली बेहना वाली और सभी को तब सिर्फ फोम ही भरवाए ,और पैसे इलेक्शन से थोड़े टाइम पहले आने शुरू हुवे। जिसे लोगो को याद रहे,शिवराज सिंह ने बाजी मारली। और कांग्रेस को हारका सामना करना पड़ा।

    (10) कांग्रेस की हार के कारण कांग्रेस सरकार का निर्णेय गलत ले लेना।

    बात की जाए छत्तीसगढ़ तो ये कांग्रेस का जीता हुवा मामला था ,बीजेपी को भी पता था की छत्तीसगढ़ तो कांग्रेस की हे। उसमे T S Singh DEO इनकी भी एक इच्छा थी की इनको मुख्‍यमंत्री बनना हे। तब राहुल गाँधी ने चुनाव से पहले ये गलती कर दी ,की इन राजा साहब को दीप्ती मुख्‍यमंत्री बना दिया ,कहा जाता हे पैसों के मामले में कांग्रेस का ATM थे वे सभी तरह से पैसों की लेन देन करते थे।

    कांग्रेस सही तरह से कार्य करती तो आज कांग्रेस के हारने कीनोहब्बत नहीं होती। लेकिन साथ ही साथ बीजेपी वालो ने ED वालो ने कांग्रेस वालो को परेशान किया हुवा था। इस कारण से कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा।

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